डिट्रिटस (भूविज्ञान)

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डिट्रिटस (/dəˈtrtəs/; adj. डेट्राइटल /dəˈtrtəl/) अपक्षय और कटाव के माध्यम से पहले से मौजूद चट्टान से प्राप्त चट्टान (भूविज्ञान) के कण हैं।[1] मलबे के टुकड़े को टकराना कहा जाता है।[2] डेट्राइटल कणों में लिथिक फ़्रैगमेंट (भूविज्ञान)भूविज्ञान) (पहचानने योग्य चट्टान के कण), या मोनोमिनरलिक टुकड़े (खनिज अनाज) शामिल हो सकते हैं। ये कण अक्सर तलछटी प्रक्रियाओं के माध्यम से नदी तल, झीलों या समुद्र जैसी निक्षेपण प्रणालियों में ले जाए जाते हैं, जिससे तलछटी अनुक्रम बनते हैं। diagenesis प्रक्रियाएं इन तलछटों को सीमेंटेशन (भूविज्ञान) और लिथिफिकेशन के माध्यम से चट्टान में बदल सकती हैं, जिससे बलुआ पत्थर जैसी तलछटी चट्टानें बन सकती हैं। ये चट्टानें फिर से अपक्षयित हो सकती हैं और तलछट की दूसरी पीढ़ी बनाने के लिए नष्ट हो सकती हैं। गोल्डिच विघटन श्रृंखला के अनुसार, डेट्राइटल अनाज आमतौर पर अलग-अलग दरों पर मौसम करते हैं, जो बताता है कि जल्दी क्रिस्टलीकृत होने वाले खनिज देर से क्रिस्टलीकृत होने वाले खनिजों की तुलना में पृथ्वी की सतह पर कम स्थिर होते हैं।[3]


संदर्भ

  1. Essentials of Geology, 3rd Ed, Stephen Marshak, p G-7
  2. Essentials of Geology, 3rd Ed, Stephen Marshak, p G-5
  3. Goldich, Samuel S. (1938-01-01). "रॉक-वेदरिंग में एक अध्ययन". The Journal of Geology. 46 (1): 17–58. Bibcode:1938JG.....46...17G. doi:10.1086/624619. ISSN 0022-1376. S2CID 128498195.


बाहरी संबंध