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  1. मृदा की परिभाषा (Definition of Soil):
पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह की उथली परतों को मृदा (Soil) या मिट्टी कहते हैं, जिसका निर्माण मिट्टी से ठीक नीचे चट्टानों के विघटन (Decomposition) और उन पर कार्बनिक पदार्थों (Organic Matter) के फलस्वरूप होता है । इसमें अधिकांश वनस्पतियाँ और जंतु स्थायी रूप से निवास करते हैं । मृदा (Soil) में कार्बनिक (Organic) एवं अकार्बनिक (Inorganic) पदार्थ पाये जाते हैं । अत: मृदा केवल खनिज (Mineral) कणों (Particles) का ही समूह नहीं है । इसका अपना जैवीय वातावरण भी होता है । अत: मृदा की जगह जटिल मृदा (Complex Soil) कहलाती है ।

== Heading text == मृदा की उत्पत्ति (Origin of Soil): जल, वायु आदि की भाँति मृदा (Soil) या मिट्टी भी जीव धारियों के लिए परम आवश्यक कारक है । अधिकांश वनस्पति और जन्तुओं का मिट्टी में स्थायी निवास है साधारणत: पृथ्वी के ऊपरी सतह को मृदा की संज्ञा से सम्बोधित करते हैं ।परंतु ऊपरी परत के अतिरिक्त मिट्टी निर्माण में मौसम, कार्बनिक पदार्थों (Organic Matter) और जीवधारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है । भूमि की गहराई में कुछ इंच से लेकर लगभग बीस फुट की गहराई में भिन्न-भिन्न मात्रा में पाया जाता है । इसमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीव (Micro-Organism) पाए जाते हैं, जिससे ह्यूमस का निर्माण होता है । इसमें ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है । मृदा (Soil) का निर्माण चट्टानों के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक अपक्षय (Weathering) से होता है । जिस चट्टान से मृदा (Soil) का निर्माण होता है, जिसका रासायनिक-संगठन (Chemical Composition) भी वैसा ही होता है । एल्युमीनियम (Aluminium), पोटैशियम (Potassium), सोडियम (Sodium), तथा मैंगनीज (Mangnese) भी खनिज युक्त मृदा में पाये जाते हैं । कैल्शियम (Calcium) तथा मैग्नीशियम (Maganesium) चूना युक्त चट्टानों से निर्मित मृदा (Soil) में पाए जाते हैं । ये सभी पोषक तत्व (Nutritional Element) सूक्ष्म जीवों (Microbes) की वृद्धि तथा उपापचयी (Metabolic) क्रियाओं में सहायक होते हैं । मृदा (Soil) का कार्बनिक (Organic) भाग मुख्य रूप से पादप तथा प्राणी जगत के सदस्यों से मिलकर बनता है, जिससे मृदा (Soil) में निरंतर अपघटन होता है । जिससे ह्यूमस का निर्माण होता है मृदा (Soil) में पाये जाने वाले सूक्ष्म जीव (Microbe) कोशिका (Cells) के अकार्बनिक व कार्बनिक (Inoganic and Organic) रसायनों (Chemicals) का निर्माण करते हैं, उदाहरण बहुशर्करा । यह रसायन (Chemical) मृदा (Soil) के कणों (Particles) को आपस में बांधते हैं । कवक (Fungi), एक्टीनोमाइसीटीज (Actinomycetes) आदि सजीव (Livings) इस परिवर्धन (Development) में सहायक होते हैं । सूक्ष्म जीव (Microbes) मृदा कणों (Soil Particles) की सतह पर या अन्तर कणों के खाली स्थान में निवास करते हैं । वाष्पशील रसायन जैसे कि मीथेन (Methane), हाइड्रोजन सल्फाइड H2S, अमोनिया (Ammonia) तथा हाइड्रोजन (Hydrogen) इन कणों (Particles) के मध्य अधिकता से पाये जाते हैं ।

=== Heading text === मृदा का संगठन (Composition of Soil): मृदा के विभिन्न घटक निम्न प्रकार के हैं:

(1) खनिज पदार्थ (Mineral Matter)- यह खनिज पदार्थ चट्टानों के टूटने से बनते हैं ।

(2) मृदीय कार्बनिक पदार्थ या ह्यूमस (Soil Organic Matter or Humus)- ये पदार्थ जीवों के मृत हो जाने पर उनके विघटन के परिणामस्वरूप बनते हैं ।

(3) मृदीय जल एवं मृदीय घोल (Soil Water and Soil Solution)- मृदीय जल (Soil Water) एक घोल के रूप में होता है क्योंकि इसमें खनिज (Mineral) एवं गैसें घुली रहती हैं ।मृदा जल (Soil Water) कैपिलरी (Capillary) के रूप में मिट्टी के कणों (Soil Particles) द्वारा हेल्ड-अप (Held-Up) रहता है । यह जल वास्तव में एक घोल स्वरूप है । अत: यह पादपों (Plants) के लिए खनिजों का स्त्रोत भी होता है ।

(4) जीव तन्त्र (Biological System)- मृदा में विभिन्न प्रकार के लघु एवं गुरू जीव पाये जाते हैं । जैसे जीवाणु, कवक, शैवाल, केंचुआ, निमैटोड्‌स आदि ।

(5) मृदा-वायुमंडल (Soil Atmosphere)- मृदा के कणों (Particles) के बीच में जो स्थान होता है । उसमें हवा भरी रहती है । इस हवा में CO2, अधिक O2 कम होती है ।

डोकुचायेव (Dokuchayev 1990) के अनुसार Soil को एक सूत्र से भी प्रदर्शित कर सकते हैं ।

S = (g.e.b.) Δt

S = soil (मृदा)

g = geology (भूगर्भ-विज्ञान)

e = environment (वातावरण)

b = biological effect (जैवीय प्रभाव)

t = time (समय)

==== Heading text ====मृदा का वर्गीकरण (Classification of Soil): मृदा (Soil) का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है:

वाहित मिट्टी (Transported Soil):

जब बनी हुई मिट्टी किसी दूसरे स्थान पर चली जाती है । तब इसे वाहित मिट्टी (Transported Soil) कहते हैं ।

वाहित मिट्टी (Transported Soil) एजेन्टों के आधार पर निम्न प्रकार की होती है:

(a) जलोद मृदा (Alluvial Soil)- यह मिट्टी (Soil) एक स्थान से दूसरे स्थान पर जल द्वारा जाती है ।

(b) अवशिष्ट मृदा (Residual Soil)- जब मृदा (Soil) बनने की सम्पूर्ण प्रक्रिया (Process) अर्थात् अपक्षीणन (Weathering) मृदा विकास (Pedogenesis) उसी स्थान पर होती है । तब मिट्टी उसी स्थान पर रह जाती है । इस प्रकार की मृदा को अवशिष्ट मिट्टी (Residual Soil) कहते हैं ।

(c) गुरुत्वाकर्षणीय मृदा (Gravitational Soil)- यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा जाती है ।

(d) वातोढ़ मृदा (Eolian Soil)- यह हवा के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान को जाती है ।

(e) बर्फीली मृदा (Glacial Soil)- यह बर्फीले तूफानों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान को जाती है ।